जब अपनी ही बात अधूरी रह जाती है.
गम के घर में रहते है राम
बीते कल याद आ ही जाते है,
कितना दर्द होता है दिल मै,
जब सपने अधूरी रह जाती है.
बहारे आती है,चली जाती है बस तन्हाई . . . . . . . . .. ..
बिताये कल की यादे अक्सर
आखो में आसू ले आती है,
कितना दर्द होता है जब सावन,
में बरसाते अधूरी रह जाती है.
बहारे आती है,चली जाती है बस तन्हाई . . . . . . . . .. ..