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RAMRAY.BLOGSPOST.COM
Saturday, November 14, 2009
दिल की दरिया मै उतर कर देखिये,
आईने मै ख़ुद उभर कर देखिये,
.कैसे जी रहा हु मै,
दो पल ठहर कर देखिये/
शादी करनी थी,
मगर किस्मत खुली नही,
ताजमहल बनाना था पर मुमताज मिली नही,
एक दिन किस्मत खुली शादी हो गयी,
अब
ताजमहल बनाना है ,
मगर क्या करू मुमताज मरती नही .
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